दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन दिए जाने के मुद्दे पर कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कई अहम टिप्पणियां कीं. कोर्ट ने एक तरफ जहां AIIMS का एक मेडिकल बोर्ड बनाने का निर्देश दिया तो वहीं दूसरी तरफ जरूरी इलाज के लिए भी निर्देश दिए.
सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से कहा कि आम आदमी यदि आम नहीं खाएगा तो क्या मशरूम खाएगा. इस पर अदालत ने केजरीवाल के निजी डॉक्टर के आवेदन का जिक्र किया. अदालत ने कहा कि आवेदक के निजी डॉक्टर ने 1 अप्रैल को जो आवेदन दिया है, उसमें सब्जियों की लिस्ट में मशरूम का जिक्र तो है, लेकिन आम का कहीं उल्लेख नहीं है.
कोर्ट ने इंसुलिन के मुद्दे पर डॉक्टर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की मांग को अस्वीकार कर दिया. केजरीवाल की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि AIIMS एक मेडिकल बोर्ड बनाएगा, जिसमें सीनियर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, डायबिटोलॉजिस्ट शामिल होंगे. इनसे परामर्श लेकर ही आगे जरूरी इलाज किया जाएगा. मेडिकल बोर्ड का गठन AIIMS के निदेशक करेंगे. किसी भी विशेष स्थिति में केजरीवाल को हर तरह का जरूरी इलाज मुहैया कराया जाएगा. एम्स मेडिकल बोर्ड से एक डाइट और एक्सरसाइज योजना बनाने का अनुरोध किया गया है.
अगर केजरीवाल को इंसुलिन देने की जरूरत है तो मेडिकल बोर्ड रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. बोर्ड के आदेश के बाद ही किसी विशेषज्ञ के हस्तक्षेप का निर्णय भी लिया जाएगा. तिहाड़ जेल अधिकारियों का यह प्राथमिक कर्तव्य हैं कि वह केजरीवाल के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए पूरी तरह से सभी इक्विपमेंट हैं. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जैल में उन्हें सभी आवश्यक चिकित्सा उपचार प्रदान किए जाएं.
हालांकि, अगर स्पेशल कंसल्टेशन की जरूरत होने पर जेल के अधिकारी एम्स निदेशक द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड से परामर्श करेंगे. मेडिकल बोर्ड ने उसकी चिकित्सा आवश्यकताओं और प्रासंगिक डेटा को ध्यान में रखते हुए एक डाइट प्लान निर्धारित करने का अनुरोध किया है. मेडिकल बोर्ड जरूरत पड़ने पर कभी भी जेल में केजरीवाल की शारीरिक जांच कर सकता है.
केजरीवाल को घर का बना खाना इस शर्त पर उपलब्ध कराया जाता रहेगा कि वग मेडिकल बोर्ड के निर्धारित आहार का कड़ाई से पालन करेंगे. जब तक ऐसी डाइट तय नहीं की जाती, तब तक परिवार को अपने निजी डॉक्टर के डाइट चार्ट के मुताबिक और अदालत के आदेश के अनुसार भोजन देना होगा.
आदेश- अदालत का कहना है कि केजरीवाल को भेजा गया घर का बना खाना उनके अपने डॉक्टर द्वारा निर्धारित आहार से अलग था. अदालत का कहना है कि डाइट चार्ट में आलू, अरबी या आम जैसी सब्जियों का उल्लेख नहीं है. और आवेदक के डाइट चार्ट में आम का भी कोई विशेष उल्लेख नहीं है.