इंसान के जीवन में सौभाग्य तभी आता है, जब वह उसे पहचानने की स्थिति में होता है. भारत की भूमि साधु-संतों और तपस्वियों की भूमि है. आज वायु प्रदूषण से जितने लोग मर रहे हैं उतने युद्ध से नहीं मर रहे. हाल यह है कि 34 प्रतिशत बारिश एसिडिक हो रही है और घरों की उम्र तीन गुनी कम हो रही है. ये बातें देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहीं. वे प्रेरणा शोध संस्थान न्यास के ‘प्रेरणा विमर्श 2024’ कार्यक्रम के समापन पर बोल रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन नोएडा के सेक्टर 12 में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ था, जिसकी थीम 5 सूत्रों पर आधारित थी.
एजेंसी के मुताबिक उन्होंने आगे कहा,’व्यक्ति संस्कारी है तो श्रेष्ठ समाज का निर्माण करता है. भारतीय चिंतन का ऐसा उपसर्ग है, जिसमें संस्कृति पोषित होती है. हमें कर्तव्यों का निर्माण करना चाहिए. अगर व्यक्ति के अंदर कर्तव्यों का भान है तो समाज के उत्थान की धारा प्रशस्त हो जाती है.’ इस कार्यक्रम में ही मौजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा,’रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण हैं. अगर संकट संस्कृति पर है तो संकट राष्ट्र पर भी है. हमें रिश्तों की समझ होनी चाहिए. हर रिश्ते की एक विशेषता और उसके लिए कर्तव्य होते हैं.’
स्वाभिमान के साथ करें स्व का पालन
कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के सतीश कुमार ने कहा,’हम इच्छा से देशी और मजबूरी से विदेशी वस्तुओं को ले सकते हैं. स्वदेशी के प्रति मानसिक और बौद्धिक चेतना जागृत करें.’ कार्यक्रम में आरएसएस के मुकुल कानितकर ने कहा,’स्वाभिमान के साथ अपने स्व का पालन करें. अपनी भाषा, भूषा, भजन, भोजन, भवन और भ्रमण में स्वदेशी अपनाएं.’
‘संविधान की मूल भावना को बदल नहीं सकते’
कार्यक्रम में सासंद और यूपी के पूर्व DGP बृज लाल ने कहा कि संविधान की मूल भावना को हम बदल नहीं सकते. हमारा कर्तव्य है कि संविधान की रक्षा करें और उनके निर्देशों का पालन करें. संस्कार विहीनता तेजी से फैल रही है. कार्यक्रम में RSS के कृपाशंकर, प्रीति दादू, अनिल त्यागी और श्याम किशोर सहाय भी मौजूद रहे.