NYTHINDI दिल्ली. इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के बाद देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को जेड कैटेगरी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया है. गृह मंत्रालय ने मुख्य चुनाव आयुक्त की सुरक्षा बढ़ा दी है. यह फैसला IB की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है. दरअसल, पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियां लगातार विरोध प्रदर्शन और हंगामा कर रही हैं. जिसे देखते हुए आईबी ने अपनी थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट में राजीव कुमार का नाम भी जोड़ लिया है. इसके आधार पर ही सीईसी को सुरक्षा दी गई है.
दरअसल, इस बार देश में लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होने जा रहा है, जिसकी शुरुआत 19 अप्रैल को पहले चरण के साथ होगी. वहीं, दूसरा 26 अप्रैल को, तीसरा 7 मई को, चौथा 13 मई को, पांचवां 20 मई को, छठवां 25 मई को और सातवां चरण 1 जून को होगा. सभी चरणों के मतदान की काउंटिंग 4 जून को होगी. हाल ही में चुनावों की तारीख का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा था कि चुनाव के लिए हमारी टीम तैयार है. चुनाव में 97 करोड़ वोटर्स मतदान करेंगे. 10.5 लाख पोलिंग स्टेशन होंगे, जबकि 55 लाख EVM का इस्तेमाल किया जाएगा.
Z कैटेगरी की सुरक्षा से क्या फायदा?
जब किसी शख्स की जिंदगी को खतरा होता है और सुरक्षा एजेंसी को अपने सूत्रों से इस बारे में पहले ही जानकारी मिल जाती है तो आईबी उस शख्स के लिए अलग-अलग कैटेगरी की सुरक्षा देने की मांग गृह मंत्रालय से करती है. जेड श्रेणी की सुरक्षा की बात की जाए तो इसमें कुल 33 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं. यह आर्म्ड फोर्स शख्स की दिन और रात पूरे समय सुरक्षा करती है. इसमें 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड वीआईपी के घर पर रहते हैं. वहीं, 6 पीएसओ राउंड द क्लॉक, 12 आर्म्ड स्कॉर्ट कमांडो तीन शिफ्ट में, दो वाचर्स शिफ्ट में और 3 ट्रेंड ड्राइवर राउंड द क्लॉक मौजूद रहते हैं.