इजरायल सरकार के साथ डील का विरोध कर रहे गूगल के कई कर्मचारियों के खिलफ कंपनी का एक्शन जारी है. गूगल ने 28 कर्माचारियों के बाद अब 20 और कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. गूगल ने यह फैसला उस प्रदर्शन के बाद लिया है, जिसमें कई कर्मचारियों ने 1.2 बिलियन डॉलर के रक्षा अनुबंध प्रोजेक्ट निंबस का विरोध किया था.
नो फॉर रंगभेद ग्रुप के प्रवक्ता जेन चुंग ने बताया कि इस मामले में अब तक निकाले गए कर्मचारियों की संख्या 50 से ज्यादा हो गई है. बता दें कि इस विरोध-प्रदर्शन के बाद शुरुआत में 9 कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई थी. वहीं, Google के सिक्योरिटी चीफ क्रिस रैको ने इसकी निंदा की थी.
सुंदर पिचाई ने कही ये बात
बता दें कि गूगल के सिक्योरिटी चीफ रैको ने प्रदर्शनों को साथी कर्मचारियों के लिए तकलीफदेह और धमकी दने वाला ब ताया था. उन्होंने एक सर्कुलर भी जारी किया था. इसके बाद गूगल की जांच में 28 कर्मचारियों को बाहर का राश्ता दिखा दिया गया. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी रैको की बातों को दोहराते हुए कहा कि गूगल खुले संवाद की संस्कृति को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा,’हमारे पास खुली चर्चा करने की संस्कृति है, जो हमें शानदार प्रोडक्ट बनाने और महान विचारों को एक्शन में बदलने के सक्षम बनाती है.’
कैसे हुई प्रदर्शनों की शुरुआत
बता दें कि हाल ही में गूगल के कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क दफ्तर में कई कर्मचारियों ने इजरायली सरकार के साथ कंपनी की डील को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया था. कर्मचारी प्रोजेक्ट निंबस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जो इज़राइल और Google के बीच एक क्लाउड कंप्यूटिंग डील है. इस पर 2021 में साइन किए गए थे. दरअसल, गूगल के न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया सहित कई दफ्तरों में इसे लेकर विरोध-प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारी ‘नो टेक फॉर रंगभेद’ आंदोलन का हिस्सा थे, जो Google के अंदर एक संगठन है. यह संगठन कंपनी के कमर्शियल फैसलों के बारे में तेजी से मुखर रहा है.
केबिन तक पहुंच गए थे वर्कर
इससे पहले गूगल ने 18 अप्रैल को अपने 28 कर्मचारियों कौ नौकरी से निकालने का फैसला लिया था. इन कर्मचारियों ने ही शुरुआत में गूगल के कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क स्थित ऑफिस में कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया था. कई प्रदर्शनकारी ऑफिस के बॉस के केबिन तक पहुंच गए और वहां प्रदर्शन करने लगे थे. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था.
टेक्नोलॉजी देने को लेकर उठे सवाल
इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है. ऐसे में Google ऑफिस में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियां इजरायल सरकार का समर्थन कर रही हैं. युद्ध के बीच में किसी एक देश को टेक्नोलॉजी देना सही है क्या?
किस प्रोजेक्ट का हो रहा विरोध
Google की नौकरी से बाहर निकाले गए गए ये कर्मचारी गूगल का इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका दावा है कि वे प्रोजेक्ट निंबस (Project Nimbus) में शामिल है. प्रोजेक्ट निंबस एक 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत का प्रोजेक्ट है, जो इजरायल सरकार के साथ किया है. इसमें Amazon भी शामिल है.
पुलिस ने कर्मचारियों को किया था डिटेन
Google के कर्मचारियों का प्रदर्शन करते हुए एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जहां कुछ प्रदर्शनकारी ऑफिस के बॉस के केबिन तक पहुंच गए और कई घंटों तक वे बाहर नहीं निकले. इसके बाद पुलिस को बुलाया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और वहां से बाहर निकाला.