बीस दिन पहले आए भूकंप से ताइवान के लोग अभी तक पूरी तरह से उबर भी नहीं पाए थे कि एक बार फिर ताइवान की धरती भूकंप से कांप उठी है. यहां एक ही रात में भूकंप के 80 झटके महसूस किए गए. इनमें सबसे शक्तिशाली झटका 6.3 तीव्रता का था. इस भूकंप के बाद 3 अप्रैल के भूकंप से क्षतिग्रस्त हुईं इमारतें अब एक तरफ झुक गई हैं.
बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र ग्रामीण पूर्वी काउंटी हुलिएन में था. यहां पर ही 3 अप्रैल को 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें करीब 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस शक्तिशाली भूकंप के बाद से लेकर अब तक ताइवान में भूकंप के सैकड़ों झटके आ चुके हैं.
होटल का संचालन है बंद
हुलिएन के अग्निशमन विभाग ने बताया कि 3 अप्रैल को आए भूकंप के बाद एक होटल काफी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, कल रात आए भूकंप के बाद वह और झुक गया है. हालांकि, विभाग ने यह भी बताया कि फिलहाल उस इमारत में होटल का संचालन नहीं किया जा रहा था.
भूकंप क्यों और कैसे आता है?
वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा. पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है और इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है. जब इससे डिस्टर्बेंस बनता है तो इसके बाद भूकंप आता है.
कैसे मापी जाती है तीव्रता?
भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.