नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए), संयुक्त राष्ट्र यौन और प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी, भारत में अपनी स्वर्ण जयंती मना रही है, जो भारत सरकार के साथ 50 वर्षों का समर्पित प्रयासों और साझेदारी का प्रतीक है. 1974 में अपनी स्थापना के बाद से, यूएनएफपीए देश की विकास कहानी का अभिन्न हिस्सा रहा है. इसने महिलाओं, लड़कियों और युवाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से राष्ट्रीय और राज्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का समर्थन किया है. सिविल सोसायटी, शिक्षाविदों और अन्य समुदायों के सहयोग से, यूएनएफपीए प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं और सूचनाओं को आम लोगों तक पहुंच बढ़ाने, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, विशेष रुप से बाल विवाह और हानिकारक प्रथाओं की रोकथाम करने और युवाओं में निवेश करने एंव उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है ताकी युवा शक्ति अपनी क्षमता का पूर्ण दोहन करके देश के विकास में सकारात्मक योगदान दे सकें.
‘युवा शक्ति का प्रदर्शन’ थीम वाले इस कार्यक्रम में बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा जैसे राज्यों के युवा परिवर्तनकर्ताओं की परिवर्तन, लचीलापन और समावेशिता की शक्तिशाली कहानियां दिखाई गईं. लोकप्रिय अभिनेत्री हुमा कुरैशी वर्चुअली इस कार्यक्रम में शामिल हुईं. अभिनेत्री ने कहा कि लैंगिक समानता, प्रजनन स्वास्थ्य की जानकारी महिलाओं को सशक्त बनाती है. उनकी उपस्थिति और अंतर्दृष्टि ने चर्चा को और सकारात्मक दिशा दी, क्योंकि उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए आत्मविश्वास के और साइबर अपराधों के खिलाफ खड़े होने और जागरुक रहने के महत्व पर जोर दिया.
समाज की समस्याओं के समाधानकर्ता हैं युवा
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव मीरा श्रीवास्तव ने भारत में 50 वर्षों की प्रभावशाली सेवा के लिए यूएनएफपीए इण्डिया को बधाई दी. उन्होंने आगे कहा कि किशोरों और युवाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने, जीवन कौशल शिक्षा को बढ़ावा देने और युवाओं को सशक्त बनाने के माध्यम से, यूएनएफपीए ने भारत सरकार को राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम और स्कूल स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम जैसे अपने प्रमुख कार्यक्रमों का विस्तार करने में समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि युवा न केवल कल के नेता हैं, बल्कि आज के समस्याओं के समाधानकर्ता भी हैं. जमीनी स्तर पर यूएनएफपीए इंडिया के प्रयासों ने हमारे युवाओं की विशाल क्षमता को उजागर करने और उसे सामने लाने में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ना होगा
युवा और खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव और मुख्य सतर्कता अधिकारी नीतेश कुमार मिश्रा ने भविष्य को आकार देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि युवा केवल कल के नेतृत्वकर्ता ही नहीं, बल्कि वर्तमान समस्याओं के समाधानकर्ता भी हैं. जमीनी स्तर पर यूएनएफपीए इण्डिया के प्रयास हमारे युवा लोगों की क्षमता को विस्तारित करने में सहायक रहे हैं. यूएनएफपीए इंडिया प्रतिनिधि एंड्रिया एम. वोजनार ने कहा कि भारत में यूएनएफपीए की यात्रा, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य, महिलाओं और लड़कियों के सशक्तीकरण में मील का पत्थर साबित हुई है. यूएनएफपीए इंडिया की इस यात्रा में सरकार, निजी क्षेत्र, डोनर्स, नागरिक समाज, नीति निर्माताओं और युवाओं के बराबर सहभागिता रही है. एक सुनहरे भविष्य के लिए हमें हमारी साझेदारी को और मजबूत करते हुए प्रतिबद्धता से आगे बढ़ना होगा.
उल्लेखनीय कहानियों से ली प्रेरणा
भारत में यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने कहा कि आज हम कविता, मुन्ना, प्रियजीत और शिवानी की उल्लेखनीय कहानियों से प्रेरणा लेते हैं. ये युवा परिवर्तनकर्ता भारत के विकास को गति देने और सत्तत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए आवश्यक इनोवेशन (नवाचार) और नेतृत्व का उदाहरण हैं.